essay on rabindranath tagore in hindi: हम सब राष्ट्रगान जिसे रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गए गर्व के साथ गाते हैं, जो भारत में सबसे महत्वपूर्ण रबीन्द्र नाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay in Hindi प्रस्तावना- कलकत्ता में जन्मे टैगोर जी एक महान साहित्यकार, कवि और दार्शनिक थे, रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध, short essay on rabindranath tagore in hindi ( शब्द) रवींद्रनाथ टैगोर एक महान भारतीय कवि थे। उनका जन्म 7 मई को में
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध - Essay on Rabindranath Tagore in Hindi
Rabindranath Tagore Essay In Hindi :रबीन्द्रनाथ टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी थे। उन्होंने कई प्रकार की साहित्य ओर कविताये लिखी है। उन्हें कई प्रकार के नोबेल ओर अन्य सम्मान प्राप्त हुए है। रविन्द्र नाथ टैगोर विलक्षण प्रतिभा के व्यक्ति थे।. वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे, वे एक ही साथ महान साहित्यकार, समाज सुधारक, अध्यापक, कलाकार ओर कई संस्थाओ के निर्माता थे।, essay on rabindranath tagore in hindi. वो जो सपने अपने देश भारत के लिए देखते थे, उन्हें पूरा करने के लिए अनवरत कर्मयोगी की तरह काम किया करते थे। उनके इस तरह के कार्यो की बजह से हमारे देश के वासियों में एक आत्मसम्मान की भावना जाग्रत हुई।.
उनके इस विशाल व्यक्तित्व को राष्ट्र कि कोई सीमाएं नही बांध पाई। उनकी शिक्षा के तहत सबका कल्याण करना है। उनका मकसद बस एक ही था और वह था देश का कल्याण।. रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म बांग्ला परिवार में 7 मई में हुआ था। रविंद्र नाथ टैगोर बहुमुखी प्रतिभा essay on rabindranath tagore in hindi धनी थे। उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर था ओर माता जी का नाम शारदा देवी था। टैगोर के मन में बेरिष्टर बनने की चाहत थी ओर अपनी इस चाहत को पूरी करने के लिए उन्होंने में ब्रिजटोन पब्लिक स्कूल में नाम दर्ज कराया।. उन्होंने लन्दन कॉलेज विश्विद्यालय से काननू की शिक्षा ग्रहण की थी। लेकिन को वो बिना डिग्री प्राप्त किये ही वापिस आ गए थे। रविंद्र नाथ टैगोर को बचपन से ही कविता ओर कहानियां लिखने का शोक था। वह गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध थे।. भारत आकर उन्होंने अपनी लिखने की इच्छा को पूरा किया ओर फिर से लिखने का काम शुरू किया। में रबीन्द्रनाथ टैगोर जी ने पश्चिम बंगाल में ग्रामीण इलाके में स्थित शांतिनिकेतन में एक प्रायोगिक विद्यालय की स्थापना की थी।.
जहां उन्होंने भारत ओर पश्चिम परम्पराओ को मिलाने का प्रयास किया। वह विद्यालय में ही रहने लगे थे। उन्होंने विद्यालय को ही अपना घर बना लिया था और सन में उनका विद्यालय विशव विश्वविद्यालय बन गया।. वह एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी भी थे। अपनी रचनाओं के माध्यम से, उन्होंने देश के लोगों में देशभक्ति का विकास किया और वे स्वयं एक बहुत ही देशभक्त थे। रवींद्र नाथ टैगोर ने अपने साहित्य से देश की स्वतंत्रता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।. उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए बहुत ही अभूतपूर्व काम किया। टैगोर ने पहले गांधी जी को महात्मा कहा था। और नेताजी सुभाष चंद्र बोस रवींद्रनाथ टैगोर के कहने पर गांधीजी से मिले।. उन्होंने साहित्य और कविताओं के माध्यम से देश की समस्याओं को लोगों के सामने व्यक्त किया। रवींद्रनाथ ने सामाजिक कल्याण के काम भी बहुत अच्छे से किए। उन्होंने अपने साहित्य में देश के हर वर्ग के बारे में लिखा और अपने साहित्य और कविताओं और कहानियों के माध्यम से भारत essay on rabindranath tagore in hindi स्वतंत्रता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।.
इसे भी पढ़े : Essay On Cricket In Hindi. फरवरी में, रवींद्र नाथ टैगोर ने अपने पिता के साथ 11 साल की उम्र में भारत छोड़ दिया, कोलकाता में शांतिनिकेतन की संपत्ति छोड़कर अमृतसर हिमालयन हिल स्टेशन जैसे कई स्थानों पर गए, जहां उन्होंने वहां की संस्कृति और सभ्यता को समझा।. रवींद्र नाथ टैगोर अमृतसर में गुरबानी से बहुत प्रभावित थे और वे इसे सुनने के लिए हर दिन स्वर्ण मंदिर जाते थे। उन्होंने महज 16 साल की उम्र में में अपनी पहली लघु कहानी प्रकाशित की थी।. रवींद्र नाथ महिलाओं की मुक्ति और शिक्षा के पक्ष में थे। उन्होंने महसूस किया कि भारत की essay on rabindranath tagore in hindi का मूल कारण हमारे देश की गलत शिक्षा प्रणाली है। उन्होंने देश में साहित्य और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शांतिनिकेतन में स्कूल की नींव रखी।.
टैगोर ने में केवल पाँच छात्रों के साथ पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र में शांतिनिकेतन में एक प्रायोगिक विद्यालय की स्थापना की। इन पांच लोगों में उनका अपना बेटा भी शामिल था। आज उसी स्कूल को विश्व प्रसिद्ध शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है।. उनके द्वारा स्थापित शांति निकेतन को साहित्य, संगीत और कला की शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में एक आदर्श विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता प्राप्त है। आज हमारे देश के बच्चों का सपना है कि वे शांति निकेतन विश्वविद्यालय में दाखिला लें और essay on rabindranath tagore in hindi से पढ़ाई करें, इंदिरा गांधी जैसी कई प्रतिभाओं ने शांति निकेतन से शिक्षा प्राप्त की है।. इसे भी पढ़े : Essay On Hindi Diwas.
यह गीत भारत के लोगों को एकजुट करने के लिए लिखा गया था। इस गीत के माध्यम से, जब भी हम राष्ट्रगान गाते हैं, तब लोग को अंग्रेजों से लड़ने में बहुत ताकत मिला। इसके प्रति कुछ करने की हममें इच्छा जगी।. रवींद्रनाथ टैगोर की कविताएँ ऐसी थीं कि उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से देश के लोगों को एकजुट किया और अपनी कविता के माध्यम से उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने देश की राजनीति में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, रवींद्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे जिन्होंने साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीता था।. टैगोर ने लगभग 2, गीतों की रचना की है। रवींद्रनाथ का एक घर रचनात्मकता से भरा था। बहुत कम उम्र में, जब वह बारह साल के थे, तब उन्होंने छंद रचना शुरू की थी, उसकी पहली कविता एक पत्रिका में प्रकाशित होई । रवींद्र नाथ टैगोर साहित्य के सबसे बड़े गुरु थे, इसीलिए उन्हें पूरे देश में गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है और दुनिया उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जानती है।.
रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गई कुछ प्रमुख कृतियाँ जैसे गीतांजलि, पूर्बी प्रवाहिनी, शिशु भोलानाथ, महुआ, वनवाणी, परिश, पीएस, essay on rabindranath tagore in hindi, वीथिका शेषलेखा, चोखेरबली, कनिका, नैवेद्य मेयर खेला और पालिका आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।. कुछ प्रसिद्ध उपन्यासों essay on rabindranath tagore in hindi गोरा, घरे बायर, नाका दुबी, चोखेर बाली, बुद्धकुंरिर हट, चतुरंगा, चिरध्याय, शेष कबीता और राजर्षि शामिल हैं।. उन्होंने भारतीय साहित्य को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया, essay on rabindranath tagore in hindi, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास निबंध, लघु कथाएँ, यात्रा वृत्तांत नाटक और हजारों गीत लिखे। रवींद्र नाथ टैगोर का छोटा गद्य बहुत लोकप्रिय है, essay on rabindranath tagore in hindi, रवींद्रनाथ टैगोर की अन्य प्रसिद्ध काव्य रचनाओं में सोनार तानी, पूरवी, शाम का संगीत आदि शामिल हैं।.
रवींद्र नाथ टैगोर एक सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद अपने नाइटहुड का खिताब लौटा दिया। उन्होंने अपनी कविता और अपनी रचनाओं के माध्यम से देशवासियों और देश की समस्याओं को प्रकट किया और देश की चेतना को जागृत किया। वह हमेशा देशवासियों के लिए खड़े रहे।. इसे भी पढ़े : Essay On Air Pollution In Hindi. आज हमारा साहित्य इतना सम्पूर्ण है। उन्होंने पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति से परिचित कराया और भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया से परिचित कराया। आजादी से 6 साल पहले 7 अगस्त को टैगोर ने हम सबको छोड़ दिया, उनकी मृत्यु के कारण हमारे देश के साहित्य और देश के लोगों को बहुत नुकसान हुआ।. आज भी उन्हें उनके लेखन कार्य के लिए याद किया जाता है। टैगोर एक महान व्यक्ति थे, उन्होंने देश और देश के साहित्य और देश के लोगों के लिए एक नई पहचान बनाई। जिस घर में वह रहते थे उसे शांतिनिकेतन में एक संग्रहालय में बदल दिया गया है और इसका नाम रवींद्र भवन रखा गया है।.
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन को लोगो को समर्पित कर दिया था ओर वो अपनी बातों को सुस्पष्ठ अपनी कविता, कहानियों, अपने उपन्यास में व्यक्त करते थे। वो कहते थे की किसी भी चीज से गुस्सा करने की अपेक्षा अपने अंदर की भवनाओं को जाग्रत करो।. वो बिट्रिश अंग्रेजों से जरा भी घृणा नही करते थे। वो चाहते थे की हमारे यहां की शिक्षा प्रणाली में सुधार हो, समाज में सुधार हो। उनका प्रत्येक कार्य देश ओर देशवासियो को ही समर्पित था।, essay on rabindranath tagore in hindi. Your email address will not be published. Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Related Posts. Leave a Comment Cancel Reply Your email address will not be published.
रबीन्द्रनाथ टैगोर जी पर हिन्दी निबंध 250 शब्द/ Rabindranath Tagore Essay In Hindi/ रवीन्द्रनाथ टैगोर
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